शिखर का एकान्त


मैं अकेले कमरे में बैठा हूं। इण्टरकॉम पर बीच बीच में ट्रेन कण्ट्रोलर खबर देता है कि गाड़ियां ठीक नहीं चल रहीं। कोहरे का असर है। एक ट्रेन दुर्घटना अभी ताजा ताजा निपटी है। स्टाफ परिचालन की उत्कृष्टता से सुरक्षा की तरफ स्विंग कर गया है। छाछ को भी फूंक कर पीने जैसा कुछ करनेContinue reading “शिखर का एकान्त”

प्रिय भैया खरी खरी जी,


प्रिय भैया खरी खरी जी, आशा है आप कुशल से होंगे। मैने अपनी पिछली पोस्ट पर आपकी टिप्पणी देखी थी: पते की बात लिखी है आपने रीता दीदी पर क्या आपने घायलो के लिये कुछ किया क्या? या ज्ञान जीजाजी ने????? या कुछ करेंगे क्या?????? आपका प्रश्न बड़ा स्वाभाविक है। कई लोग निस्वार्थ हो करContinue reading “प्रिय भैया खरी खरी जी,”

उधर भी झांक आते लोग


मुम्बई हादसों ने सबके मन में उथल पुथल मचा रखी है। सब की भावनायें किसी न किसी प्रकार से अभिव्यक्त हो रही हैं। ज्ञान भी कुछ लिखते रहे (उनकी भाषा में कहें तो ठेलते रहे)। कुछ तीखा भी लिखते, पर उसे पब्लिश करने से अपने को रोकते रहे। उन्होंने मुझसे भी पूछा कि तुम्हारे मनContinue reading “उधर भी झांक आते लोग”

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