कल्लू की प्लानिंग


कछार में घूमते पीछे से नमस्कार की आवाज आयी तो देखा कल्लू था। अपने सफेद छोटी साइज वाले कुत्ते के साथ चला आ रहा था। वह शायद मुझे अपने परिवेश से बाहर का ऐसा व्यक्ति मानता है, जिसको अपनी गतिविधियां बेलाग तरीके से बता सकता है। आज भी वह इसी मूड में दिख रहा था।Continue reading “कल्लू की प्लानिंग”

शिवकुटी का मेला


शिवकुटी का मेला श्रावण शुक्ला अष्टमी को होता है। इस साल यह २६ जुलाई को था। श्रावण शुक्ला सप्तमी तुलसी धरयो शरीर – अर्थात तुलसी जयन्ती के अगले दिन।  तुलसी जयन्ती से इस मेले का कोई लेना देना नहीं लगता। शायद कोटेश्वर महादेव मन्दिर मे शिवलिंग के पीछे विराजमान देवी जी से लेना देना हो,Continue reading “शिवकुटी का मेला”

ममफोर्डगंज के अफसर


एक हाथ में मोबाइल, दूसरे हाथ में बेटन। जींस की पैण्ट। ऊपर कुरता। अधपके बाल। यह आदमी मैं ही था, जो पत्नीजी के साथ गंगा किनारे जा रहा था। श्रावण शुक्लपक्ष अष्टमी का दिन। इस दिन शिवकुटी में मेला लगता है। मेलहरू सवेरे से आने लगते हैं पर मेला गरमाता संझा को ही है। मैंContinue reading “ममफोर्डगंज के अफसर”

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