रुद्राभिषेक और रुद्र सूक्त


भला हो कल के प्रदोष काल के रुद्राभिषेक का। मैं रिश्ते के कारण श्रेष्ठ ब्राह्मण था सो मुझे बिना कुछ किये पण्डिज्जी लोगों के साथ पहले भोजन कराया गया। पांच सौ रुपये की दक्षिणा भी मिली (जो मैंने पूरी निष्ठा से अपनी पत्नीजी को दे दी!)

चित्रकूट के रास्ते छिवलहा #प्रेमसागर


“भईया एक घटना की जानकारी मिली। साल छ महीने पहले यहां भी वैसी घटना हो चुकी है जैसी मेरे साथ कुंचील में हुई थी। यहां जैन पदयात्री को मुस्लिम लोगों ने घेर लिया था। कारण वही बताये – तुम्हारी पोशाक से हमारे बच्चे डर रहे हैं।

आम खतम हुये, लग्गियाँ उपेक्षित हो गयीं


अगले साल नये आम होंगे, अशोक नई लग्गियां बनायेगा। अभी तो ये सभी उपेक्षित हो गयी हैं। गौतमस्थान की अहिल्या की तरह। प्रतीक्षा करतीं कि कोई आम आयेंगे और उनका उद्धार करेंगे!

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