अलवा-पलवा लेखन – ब्रेन इंजरी – मां सरस्वती का विधान


मेरी पत्नी मेरे हिन्दी ब्लॉग लेखन को अपने भदोहिया-बनारसी अन्दाज में अलवा–पलवा लेखन कहती हैं. अलवा-पलवा लेखन माने अण्ट-शण्ट/निठल्ला/यूंही/ उल्टे-सीधे बल्ले (या फिर हॉकी स्टिक से, और वह भी न मिले तो कपड़ा कचारने वाले पिटना) से बैटिंग नुमा लेखन ….मित्रों, यह अलवा-पलवा लेखन मेरे काम आ गया ब्रेन इंजरी रिसोर्स सेंटर से कंटेण्ट प्रयोगContinue reading “अलवा-पलवा लेखन – ब्रेन इंजरी – मां सरस्वती का विधान”

ब्रेन-इंजरी पर वेब साइट – आइये मित्रों !


मैने ब्रेन-इंजरी पर वेब साइट बनाने के लिये सहयोग मांगा था। आप में से बहुतों ने अपनी संवेदनायें और सहयोग की तत्परता व्यक्त की थी. तदुपरंत परिचर्चा में भी उस विषय पर कुछ विचार हुआ था पर बात अटक कर रह गयी थी अथॉरिटेटिव मैडीकल कन्टेन्ट के अभाव पर. सहयोग करने वाले सभी इंफर्मेशन तकनीकContinue reading “ब्रेन-इंजरी पर वेब साइट – आइये मित्रों !”

पैसे ले कर चलना खतरनाक है


मेरे पड़ोस में एक अकाउण्टेण्ट रहता है. रिलायंस की किसी फ्रेंचाइज़ी में काम करता था. एक कर्मचारी को उसने बैंक में कैश जमा करने भेजा. उसे देर होने लगी तो उसने दो-तीन बार मोबाइल पर फोन किया. हुआ यह था कि उस कर्मचारी को रास्ते में किन्ही बदमाशों ने गोली मार कर उसके पास सेContinue reading “पैसे ले कर चलना खतरनाक है”

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