महेश चंद्रजी से मुलाकात


महेश चन्द्र जी मेरे घर के पास नारायणी आश्रम में रहते हैं। वे इण्डियन टेलीफोन इण्डस्ट्री (आई टी आई) नैनी/मानिकपुर के डायरेक्टर पद से रिटायर हुये। कुछ समय बाद यहां आश्रम में साधक के रूप में आ गये। सम्भवत अपनी पत्नी के निधन के बाद। उन्हे काम के रूप में अन्य जिम्मेदारियों के अलावा आश्रमContinue reading “महेश चंद्रजी से मुलाकात”

रोज दीपावली


यह शोध परक पोस्ट नहीं है। विशुद्ध मन और मोबाइल फोन के कैमरे के संयोग से बनी है। मैं शाम होने के बाद दफ्तर से निकला तो प्रांगण में ४० मीटर ऊंचे टावरों से हो रही बिजली की जगमगाहट ने मन मोह लिया। इलाहाबाद जैसे छोटे शहर में यह जगमगाहट! रेलवे “टच एण्ड फील” अवधारणाContinue reading “रोज दीपावली”

पाशविकता पहले आती है या उसका उद्दीपन


करीब ८-१० दिन पहले शिवकुमार मिश्र की ब्लॉग पोस्ट पर टिप्पणियों में एक झगड़ा चला है – मुम्बई के पांच सितारा होटल के बाहर भीड़ का नारियों के प्रति बर्बर व्यवहार क्या नारियों के टिटिलेटिंग वस्त्रों या व्यवहार से उत्प्रेरित था या नहीं। वस्त्रों को पहनना या पब्लिक में व्यवहार के अपने मानदण्ड हैं औरContinue reading “पाशविकता पहले आती है या उसका उद्दीपन”

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