बत्तीस साल पहले की याद।


मेरे इन्स्पेक्टर श्री एस पी सिंह मेरे साथ थे और दिल्ली में मेरे पास डेढ़ घण्टे का खाली समय था। उनके साथ मैं निर्माण भवन के आसपास टहलने निकल गया। रेल भवन के पास ट्रेफिक पुलीस वाले की अन-सिविल भाषा में सलाह मिली कि हम लोग सीधे न जा कर मौलाना आजाद मार्ग से जायें।Continue reading “बत्तीस साल पहले की याद।”

उठो; चलो भाई!


अनूप शुक्ला जब भी बतियाते हैं (आजकल कम ही बतियाते हैं, सुना है बड़े अफसर जो हो गये हैं) तो कहते हैं नरमदामाई के साइकल-वेगड़ बनना चाहते हैं। अमृतलाल वेगड़ जी ने नर्मदा की पैदल परिक्रमा कर तीन अनूठी पुस्तकें – सौन्दर्य की नदी नर्मदा, अमृतस्य नर्मदा और तीरे तीरे नर्मदा लिखी हैं। साइकल-वेगड़ जीContinue reading “उठो; चलो भाई!”

अल्लापूजा एक्स्प्रेस में – 24 अक्तूबर


धनबाद से यह गाड़ी अलेप्पी जाती है। नाम अल्लापुजा (या अलप्पुझा) एक्स्प्रेस रखा गया है। विकिपेडिया देखने पर पता चला कि अल्लापुज़ा (उच्चारण में आलपुड़ा जैसा कुछ) अलेप्पी का ही मळयालम नाम है। यूं लगता है अलेप्पी के नाम आलपुझा ( Alappuzha) को धनबाद वालों ने उत्तरभारतीय कृत कर अल्लापुजा बना दिया है! :lol: धनबादContinue reading “अल्लापूजा एक्स्प्रेस में – 24 अक्तूबर”

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