मुंसीपाल्टी का सांड़


उस दिन दफ्तर से वापस लौटते समय मेरा वाहन अचानक झटके से रुका। मैं किन्ही विचारों में डूबा था। अत: झटका जोर से लगा। मेरा ब्रीफकेस सरक कर सीट से गिरने को हो गया। देखा तो पता चला कि एक सांड़ सड़क क्रॉस करते करते अचानक बीच में खड़ा हो गया था। वाहन उससे टकरातेContinue reading “मुंसीपाल्टी का सांड़”

बेस्ट इंश्योरेंस पॉलिसी


आपका मोबाइल, आपका ई–मेल, आपकी डाक, आपके सामने से गुजरने वाले ढ़ेर सारे विज्ञापन – सभी इंश्योरेंश पॉलिसी बेचने में जुटे हैं। आपकी बहुत सी ऊर्जा इन सब से निपटने में लगती है। आपके फोन पर जबरन चिपके उस इंश्योरेंस कम्पनी वाले लड़के/लड़की को स्नब करने के लिये आपको गुर्राना पड़ता है। उसके बाद कुछContinue reading “बेस्ट इंश्योरेंस पॉलिसी”

ब्लॉग का चरित्र चिंतन


अब तक हम “मानसिक हलचल” से प्रेरित पोस्टें प्रस्तुत करते रहे। जब जो मन आया वह ठेला। अब समय आ गया है कि ऐसा लिखें, जो इस ब्लॉग को एक चरित्र प्रदान कर सके। यह निश्चय ही न जासूसी दुनियाँ है, न मनोहर कहानियां। हास्य – व्यंग में भी जो महारत आलोक पुराणिक, राजेन्द्र त्यागीContinue reading “ब्लॉग का चरित्र चिंतन”

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