साठ साल का आदमी, ईंट भट्ठा मजूरी से खड़ा हुआ। अब छब्बीस लाख की जमीन का बैनामा कराने की क्षमता रखने वाला हो गया है। रामगुन में रामजी ने गुण जरूर भरे होंगे!
मैं, ज्ञानदत्त पाण्डेय, गाँव विक्रमपुर, जिला भदोही, उत्तरप्रदेश (भारत) में रह कर ग्रामीण जीवन जानने का प्रयास कर रहा हूँ। मुख्य परिचालन प्रबंधक पद से रिटायर रेलवे अफसर; पर ट्रेन के सैलून को छोड़ गांव की पगडंडी पर साइकिल से चलने में कठिनाई नहीं हुई। 😊
साठ साल का आदमी, ईंट भट्ठा मजूरी से खड़ा हुआ। अब छब्बीस लाख की जमीन का बैनामा कराने की क्षमता रखने वाला हो गया है। रामगुन में रामजी ने गुण जरूर भरे होंगे!