लेवल क्रॉसिंग गेट के हेक्सागोनल ब्लॉक


मैं कोई अनुरोध किसी से नहीं करता। जिस विभाग में आदेश चलते रहे हों, वहां अनुरोध करने का मन नहीं होता।
समय का चक्र है – कभी गाड़ी नाव पर, कभी नाव गाड़ी पर। सैलून से साइकिल तक का समय चक्र!

विनोद दुबे – माई की कृपा, बच गया


माई पर विश्वास की यह आस्था तर्क के परे की चीज है। दर्शन तो उन दोनो ने भी किये होंगे। और वे परोपकार भी कर रहे थे इन्हें साथ बिठा कर लाने में। पर वे चले गये ऊपर। … वैसे ऊपर जाना बेहतर था या इस भवजगत में खटना?

गुनरी और मड़ई


थोड़ी देर मैंने इंतजार भी की कि जिसकी मड़ई है वह आ जाये तो कुछ बात हो और उसका इस मड़ई में सोने का ध्येय पता चल सके।
पर मड़ई और गुनरी अपने आप में सुंदर हैं। कौन बनाता होगा गुनरी? एक दो मुझे भी बनवानी हैं अगली सर्दियों के लिये।

स्वास्थ्य का स्रोत – घर का बगीचा


कण्डाल से एक छोटी प्लास्टिक की बालटी में पानी ले कर वे हर पौधे के पास जाती हैं और उसकी जरूरत अनुसार पानी उनकी जड़ों में उड़ेलती हैं। पानी कण्डाल से लेने, चलने, झुकने आदि में जो व्यायाम है, वह पत्नीजी के स्वास्थ्य को पुष्ट करता है।

गांव की शाम


आज सर्दी कुछ कम है। सियारों की हुआँ हुआँ भी कम ही है। रेलवे स्टेशन पर लूप लाइन में खड़ी ट्रेन का डीजल इंजन ऑन है। हर थोड़ी थोड़ी देर में छींकता है। एक ट्रेन तेजी से गुजर जाती है। अब शायद लूप में खड़ी इस मालगाड़ी का नम्बर लगे।

आजम इदरीसी के बहाने बिसरी मध्यवर्गीय जिंदगी


गांवदेहात में रहते हुये मुझे बहुत खुशी तब होती है जब मुझे अपने जीवन की जरूरतें, वस्तुयें और सुविधायें लोकल तौर पर मिलने लगें। वे सब मेरी साइकिल चलाने की दूरी भर में उपलब्ध हों। उनके लिये मुझे वाहन ले कर शहर न जाना पड़े।