नजीर मियां का पूरा परिवार आम की रखवाली में लगा रहता था। जब आम का सीजन नहीं होता था तब वह साड़ियां बुनता था। औरतें धागे रंगती, सुखाती और चरखी पर चढ़ाती थीं। फिर आदमी लोग उसे करघे पर चढ़ा कर ताना-बाना तैयार करते।
ज्ञानदत्त पाण्डेय का ब्लॉग। भदोही (पूर्वी उत्तर प्रदेश, भारत) में ग्रामीण जीवन। रेलवे के मुख्य परिचालन प्रबंधक पद से रिटायर अफसर। रेल के सैलून से उतर गांव की पगडंडी पर साइकिल से चलता व्यक्ति।
नजीर मियां का पूरा परिवार आम की रखवाली में लगा रहता था। जब आम का सीजन नहीं होता था तब वह साड़ियां बुनता था। औरतें धागे रंगती, सुखाती और चरखी पर चढ़ाती थीं। फिर आदमी लोग उसे करघे पर चढ़ा कर ताना-बाना तैयार करते।