दस दिवसीय दाह संस्कार क्वारेण्टाइन – शोक, परंपरा और रूढ़ियां


पिताजी की याद में कई बार मन खिन्न होता है. पर उनकी बीमारी में भी जो मेरा परिवार और मैं लगे रहे, उसका सार्थक पक्ष यह है कि मन पर कोई अपराध बोध नहीं हावी हो रहा.

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