परेशानी में हैं कड़े प्रसाद


जुगाड़ू हैं कड़े प्रसाद। जिला पंचायत तक टटोल ले रहे हैं भाई के इलाज के लिये। आम आदमी तो यूंही फड़फड़ाता रहता। खैर, अभी कोई मदद नहीं मिली है।

कड़े प्रसाद दिल्ली हो आये; “मोदी के बगलइ में ही रहत रहे हम”


कड़े प्रसाद जैसा हुनरमंद आदमी कहीं भी रहे, अपने लिये काम और रोजगार तलाश ही लेगा। पूंजी भी ज्यादा नहीं चाहिये – कुछ बर्तन, गैस-चूल्हा और नमकीन के पैकेट बनाने के लिये पॉलीथीन की पन्नियां। बस।

माताप्रसाद – कड़ेप्रसाद और शीतला माता का मंदिर


नवरात्रि पर्व के पहले दिन मैं तुलापुर गांव में शीतला माता के मन्दिर गया था। यह मन्दिर जीर्णोद्धार कर बनाया गया है। मूर्तियों से लगता है कि सैकड़ों या हजार साल का रहा होगा वह मंदिर। खण्डित मूर्तियां भी रखी हैं वहां। वैसे यह पूरा इलाका शुंग और कुषाण कालीन अवशेषों से भरा पड़ा है।Continue reading “माताप्रसाद – कड़ेप्रसाद और शीतला माता का मंदिर”

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