गोण्डा-बलरामपुर का क्षेत्र पूर्वांचल का देहाती-पिछड़ा-गरीब क्षेत्र है। पर मैने उन बच्चों को देखा तो पाया कि लगभग सब के सब के पैरों में चप्पल या जूता था। सर्दी से बचाव के लिये हर एक के बदन पर गर्म कपडे थे।
भारतीय रेल का पूर्व विभागाध्यक्ष, अब साइकिल से चलता गाँव का निवासी। गंगा किनारे रहते हुए जीवन को नये नज़रिये से देखता हूँ। सत्तर की उम्र में भी सीखने और साझा करने की यात्रा जारी है।
गोण्डा-बलरामपुर का क्षेत्र पूर्वांचल का देहाती-पिछड़ा-गरीब क्षेत्र है। पर मैने उन बच्चों को देखा तो पाया कि लगभग सब के सब के पैरों में चप्पल या जूता था। सर्दी से बचाव के लिये हर एक के बदन पर गर्म कपडे थे।