पॉडकास्ट का अपना अलग शऊर है, अपना अलग आनंद। आप इस विषय पर पॉडकास्ट सुनने का कष्ट करें। उम्मीद है यह अच्छा ही होगा। डा. रविशंकर ने उसमें बड़े पैशन से बोला है – वे आर्कियालॉजी ओढ़ते बिछाते हैं।
मैं, ज्ञानदत्त पाण्डेय, गाँव विक्रमपुर, जिला भदोही, उत्तरप्रदेश (भारत) में ग्रामीण जीवन जी रहा हूँ। मुख्य परिचालन प्रबंधक पद से रिटायर रेलवे अफसर। वैसे; ट्रेन के सैलून को छोड़ने के बाद गांव की पगडंडी पर साइकिल से चलने में कठिनाई नहीं हुई। 😊
पॉडकास्ट का अपना अलग शऊर है, अपना अलग आनंद। आप इस विषय पर पॉडकास्ट सुनने का कष्ट करें। उम्मीद है यह अच्छा ही होगा। डा. रविशंकर ने उसमें बड़े पैशन से बोला है – वे आर्कियालॉजी ओढ़ते बिछाते हैं।