विजय बहादुर बिन्द की झोंपड़ी है दिघवट के टीले पर। वह टीला, जिसको सरसरी निगाह से देखने पर भी 2500 साल पहले की सभ्यता के दर्शन हो जाते हैं – पुरानी बिखरी ईटों और मृद्भाण्ड के टुकड़ों के माध्यम से। वह झोंपड़ी तो टीले की ग्राम सभा की जमीन पर है। झोंपड़ी तो यूं हीContinue reading “विजय बहादुर बिन्द और दिघवट का टीला”