नाई की दुकान पर हिन्दी ब्लॉगर मीट


पिछले तीन हफ्ते से हेयर कटिंग पोस्टपोन हो रही थी. भरतलाल (मेरा भृत्य) तीन हफ्ते से गच्चा दे रहा था कि फलाने नाई से तय हो गया है – वह घर आ कर सिर की खेती छांट देगा. वह नाई जब रविवार की दोपहर तक नहीं आया तो बोरियत से बचने को मैने एक ताजाContinue reading “नाई की दुकान पर हिन्दी ब्लॉगर मीट”

उत्तर – रमानाथ अवस्थी की एक कविता का अंश


कविता हर एक के बस की बात नहीं है. मैं जो कुछ बनना चाहता था और नहीं बन पाया – उसमें काव्य लेखन भी एक आयाम है. इसलिये दूसरों की कविता से मन रमाना पड़ता है. रमानाथ अवस्थी की कविता/गीत मुझे बहुत प्रिय हैं. समय के विविध रंग देखते देखते समय से एक अजीब सम्मोहनContinue reading “उत्तर – रमानाथ अवस्थी की एक कविता का अंश”

हिन्दी ब्लॉगरी में नॉन-कंट्रोवर्शियल बनने के 10 तरीके


झगड़ा-टण्टा बेकार है. देर सबेर सबको यह बोध-ज्ञान होता है. संजय जी रोज ब्लॉग परखने चले आते हैं, लिखते हैं कि लिखेंगे नहीं. फलाने जी का लिखा उनका भी मान लिया जाये. काकेश कहते हैं कि वे तो निहायत निरीह प्राणी हैं फिर भी उन्हे राइट-लेफ़्ट झगड़े में घसीट लिया गया. लिहाजा वे कहीं भीContinue reading “हिन्दी ब्लॉगरी में नॉन-कंट्रोवर्शियल बनने के 10 तरीके”

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