नयी ब्लॉग-पोस्ट को पिंग-शहद चटायें!


मेरी ब्लॉगस्पॉट के ब्लॉग की फीड फीडबर्नर से जाती है. सामान्यत: नयी पोस्ट पब्लिश करने पर मैं बाकी काम में लग जाता हूं. पर जब बैठा रहता हूं तो सामान्य जिज्ञासा होती है कि पोस्ट किसी एग्रीगेटर पर चढ़ी या नहीं. कई बार काफी समय निकल जाता है और फीड आती नहीं. फीडबर्नर की आरएसएस फीड भी री-लोड क्लिक करने पर नयी फीड नहीं दिखाती.सो समस्या फीडबर्नर की फीड अपडेट की होती है. फीडबर्नर 30 मिनट के अंतराल पर फीड अपडेट करता है. (कभी-कभी उसमें भी शायद गफलत होती हो!) उसके बाद फीड-एग्रीगेटर चुनने में जो समय ले सो ले.

मैं फीडबर्नर (feedburner.com) के माई फीड्स (My feeds)” के पन्ने पर जाता हूं. उसपर ट्रबलशूटाइज़ (Troubleshootize)” का विकल्प है. उस पर क्लिक करने से जो सबसे पहली समस्या (Trouble) लिखी है वह है आपकी फीडबर्नर फीड आपकी मूल फीड के साथ अप-डेट नहीं हुई है.

इस समस्या के समाधान के रूप में वह फीडबर्नर पिंग-पेज का प्रयोग कर अपने ब्लॉग को पिंग करने का सुझाव देता है. और इस सुझाव पर अमल फटाक से काम देता है.

मुझे यह नये शिशु को शहद चटाने जैसा अनुष्ठान लगता है. शिशु को शहद चटाने में उसे विश्व की प्रथम अनुभूति कराने का भाव है. ठीक उसी तरह अपनी पोस्ट को नेट जगत की अनुभूति कराने का अनुष्ठान यह पिंग करना प्रतीत होता है. आप अपनी मेहनत से बार-बार सम्पदित-निहारित पोस्ट को पब्लिश करते ही पिंग का शहद चटायें. उसे फीडबर्नर की पौष्टिकता मिलने लगेगी.

पिछले 2-3 दिन से यह शहद चटाना मैने प्रारम्भ कर दिया है.


एक और बात : यूनुस (रेडियोवाणी वाले) ने पूछा था – गूगल ट्रांसलिटरेशन औज़ार आपने कैसे चिट्ठे पर चढ़ाया है. आई गूगल तक तो समझ में आया पर चिटठे पर कैसे सरकाएं इसे? आप इस पन्ने का प्रयोग कर अपने ब्लॉगर वाले ब्लॉग पर औजार को लोड कर लें. फिर उसकी एचटीएमएल स्क्रिप्ट में “w=*** & amp ; h=*** & amp” ढ़ूंढ़ कर “***” की संख्या बदल कर खिड़की की लम्बाई-चौड़ाई मन माफिक कर लें. मैने w=480; h=228 रखा हुआ है. लोगों को हिन्दी में टिप्पणी करने की सहूलियत देने के लिये यह पोस्ट के नीचे रखना काम का औजार (टूल शब्द का नियो-हिन्दी रूपान्तर वाया चिठ्ठाजगत!) लगता है.


Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring rural India with a curious lens and a calm heart. Once managed Indian Railways operations — now I study the rhythm of a village by the Ganges. Reverse-migrated to Vikrampur (Katka), Bhadohi, Uttar Pradesh. Writing at - gyandutt.com — reflections from a life “Beyond Seventy”. FB / Instagram / X : @gyandutt | FB Page : @gyanfb

17 thoughts on “नयी ब्लॉग-पोस्ट को पिंग-शहद चटायें!

  1. पहले टिपिया दे वरना शिकायत मिलेगी अच्छा जुगाड बताया ,बिना टिपियाये ही निकल लिये..और जाकर कौन लौटता है ..:)

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  2. होर जी,ये ट्रांसलिटरेशन वाला आइडिया तो भौत ही धांसू है जी, कहां से जुगाड़ा जी।

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  3. वैसे ब्लागवाणी वाले मैथिलीजी ने ब्लागर विरह का जुगाड़ तो दे दिया है जी, इधर छापो, उधर बांचो। पर शहद वाला आइडिया भी अच्छा है।

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  4. अच्छा है. पर हम तो पहले से ही शहद चटा चुके है. आपका ये ट्रांसलिटरेशन वाला आईडिया बहुत पसंद आया अब हम भी अपने ब्लॉग पर लगायेंगे.

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  5. विपुल जैन> …प्रतिस्पर्धा शायद यह आपकी सोच है हमारी नहींआप संतुष्ट रहें विपुल जी, आपके एग्रीगेटर के प्रति मेरे मन में पर्याप्त प्रशंसा भाव है! और आप प्रतिस्पर्धा भाव से नहीं चल रहे हैं – यह सुन कर और अच्छा लगा.

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  6. correctionकिस-किस को की जगह पढ़े किस किस के लिए, गलती माफ, और प्रतिस्पर्धा शायद यह आपकी सोच है हमारी नहीं

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  7. @ विपुल जैन – शहद तो पोस्ट को चटा रहे हैं! एग्रीगेटरों में तो वैसे ही बीसीसीआई और आईसीएल छाप प्रतिस्पर्धा है. वे तो आपस में ही एक दूसरे को धूल चटाने के चक्कर में हैं. फीडबर्नर के सामने तो पोस्ट शिशु है पर एग्रीगेटरों के सामने क्रिकेट खिलाड़ी!

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  8. पाण्डे जी किस-किस को शहद चटाएँगे, फीडबर्नर को, एग्रीगेटरों को।

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