मैं अंग्रेजी से नकल का जोखिम ले रहा हूं


रीडर्स डाइजेस्ट के अगस्त-2007 अंक में “गिविंग बैक” स्तम्भ में “फ्रूट्स ऑफ प्लेण्टी” नामक शीर्षक से पद्मावती सुब्रह्मण्यन का एक लेख है (पेज 39-40). मुम्बई में 66 वर्षीया सरलाबेन गांधी हर रोज 6 दर्जन केले खरीदती हैं. इतने केले क्यों? कितने नाती-पोते हैं उनके? सरलाबेन केले ले कर 300 मीटर दूर घाटकोपर के राजवाड़ी म्युनिसिपलContinue reading “मैं अंग्रेजी से नकल का जोखिम ले रहा हूं”