मुख्तारमाई, जीवन के उसूल और मुक्ति का रास्ता


मुख्तारमाई पाकिस्तानी कबीलाई बर्बरता से लड़ने वाली सबसे अबला नारी है जो सबसे सबल चरित्र बन कर उभरी। मैने पहले उनके विषय में कभी सजग हो कर पढ़ने का यत्न नहीं किया।मेरी पाकिस्तानी कबीलाई सभ्यता में रुचि नहीं है। ऊपर से बर्बरता और बलात्कार की कथा पढ़ने का कोई मन नहीं होता। दुनियां में इतनेContinue reading “मुख्तारमाई, जीवन के उसूल और मुक्ति का रास्ता”

हृदय और श्वांस रोगों में पारम्परिक चिकित्सा


यह श्री पंकज अवधिया जी की बुधवासरीय अतिथि पोस्ट है। रक्त को पतला करने के विषय में यह पोस्ट उन्होनें मेरी माताजी के रक्त वाहिनी में थक्के के कारण अवरोध और फलस्वरूप हॉस्पीटल में भरती होने के सन्दर्भ में लिखी है। इसके लिये मैं उनका व्यक्तिगत आभारी भी हूं। यह समस्या व्यापक है और खूनContinue reading “हृदय और श्वांस रोगों में पारम्परिक चिकित्सा”

पाशविकता पहले आती है या उसका उद्दीपन


करीब ८-१० दिन पहले शिवकुमार मिश्र की ब्लॉग पोस्ट पर टिप्पणियों में एक झगड़ा चला है – मुम्बई के पांच सितारा होटल के बाहर भीड़ का नारियों के प्रति बर्बर व्यवहार क्या नारियों के टिटिलेटिंग वस्त्रों या व्यवहार से उत्प्रेरित था या नहीं। वस्त्रों को पहनना या पब्लिक में व्यवहार के अपने मानदण्ड हैं औरContinue reading “पाशविकता पहले आती है या उसका उद्दीपन”

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