मेरे दामाद और मेरी बिटिया ने अपनी शादी की साल गिरह पर मुझे अडवानी जी की ऑटोबायोग्राफी – My Country, My Life उपहार में दी है। मुझे पुस्तक से ज्यादा इस विचार से प्रसन्नता है कि वे १००० पेज की मोटी पुस्तक पढ़ने के लिये मुझे सुपात्र मानते हैं। यद्यपि पुस्तक की मोटाई देख करContinue reading “लाल कृष्ण अडवानी जी की किताब, बुद्धिमान उल्लू और गोजर”
Monthly Archives: May 2008
काक्रोचित अनुकूलन की दरकार
धरती का वातावरण पलट रहा है। गर्मियां आते ही ग्लोबल वार्मिंग का मन्त्रोच्चार प्रारम्भ हो जाता है। किसी दिन ग्रिड बैठ जाये तो यह मन्त्रोच्चार और भी नादमय हो जाता है। सर्दियों के आगमन पर निकट भविष्य में हिम युग आने की बात पढ़ने में आती है। गंगा मर रही हैं। एक पूरी पीढ़ी देवContinue reading “काक्रोचित अनुकूलन की दरकार”
वर्तमान भारत की छ: विनाशक गलतियां
भारत का राष्ट्र ध्वज नानी पालकीवाला को आप पढ़ें तो वे कई स्थानों पर कहते नजर आते हैं कि वयस्क मताधिकार को संविधान में स्वीकार कर भारत ने बहुत बड़ी गलती की। और नानी जो भी कहते हैं उसे यूं ही समझ कर नहीं उड़ाया जा सकता। नानी पालकीवाला के एक लेख का संक्षेप प्रस्तुतContinue reading “वर्तमान भारत की छ: विनाशक गलतियां”
