कल प्रोफेसर गोविन्द चंद्र पाण्डे के “ऋग्वेद” की रुपये आठ सौ की कीमत पर कुछ प्रतिक्रियायें थीं कि यह कीमत ज्यादा है, कुछ अन्य इस कीमत को खर्च करने योग्य मान रहे थे। असल में खुराफात हमने पोस्ट में ही की थी कि “आठ सौ रुपये इस पुस्तक के लिये निकालते एक बार खीस निकलेगीContinue reading “बेन्चमार्क अलग-अलग हैं हिन्दी और अंग्रेजी की पुस्तकें खरीदने के?”
Monthly Archives: Jun 2008
प्रोफेसर गोविंद चन्द्र पाण्डे और ऋग्वेद
हे अग्नि; पिता की तरह अपने पुत्र (हमारे) पास आओ और हमें उत्तम पदार्थ और ज्ञान दो! यह ऋग्वैदिक अग्नि की प्रार्थना का अनगढ़ अनुवाद है मेरे द्वारा! वह भी शाब्दिक जोड़-तोड़ के साथ। पर मुझे वर्णिका जी ने कल लोकभारती, इलाहाबाद द्वारा प्रकाशित प्रोफेसर गोविन्द चन्द्र पाण्डे की हिन्दी में ऋग्वेद पर चार भागोंContinue reading “प्रोफेसर गोविंद चन्द्र पाण्डे और ऋग्वेद”
बंदर नहीं बनाते घर – क्या किया जाये?
बन्दरों के उत्पात से परेशान कुछ बड़े किसानों ने बिजली के हल्के झटके वाली बाड लगाने की योजना बनायी। तब वे खुश थे कि जब बन्दर इस पर से कूदेंगे तो उनकी पूँछ बाड़ से टकरायेगी और उन्हे झटका लगेगा। बाड़ लगा दी गयी। कुछ दिनों तक बन्दर झटके खाते रहे पर जल्दी उन्होने नयाContinue reading “बंदर नहीं बनाते घर – क्या किया जाये?”
