महाभारत के तीन कारण बताये जाते हैं। शान्तनु का काम, दुर्योधन की ईर्ष्या और द्रौपदी का क्रोध। शान्तनु का काम भीष्म-प्रतिज्ञा का कारण बना। दुर्योधन की ईर्ष्या पाण्डवों को 5 गाँव भी न दे सकी। द्रौपदी का क्रोध विनाश पत्र के ऊपर अन्तिम हस्ताक्षर था। यह प्रवीण पाण्डेय की बुधवासरीय अतिथि पोस्ट है। "गुरुचरण दासContinue reading “ईर्ष्या करो, विनाश पाओ!”
Monthly Archives: Mar 2010
बबूल और बांस
मेरा मुंह तिक्त है। अन्दर कुछ बुखार है। बैठे बैठे झपकी भी आ जा रही है। और मुझे कभी कभी नजर आता है बबूल। कोई भौतिक आधार नहीं है बबूल याद आने का। बबूल और नागफनी मैने उदयपुर प्रवास के समय देखे थे। उसके बाद नहीं। कौटिल्य की सोचूं तो याद आता है बबूल काContinue reading “बबूल और बांस”
सतत युद्धक (Continuous Fighter)
छ सौ रुपल्ली में साल भर लड़ने वाला भर्ती कर रखा है मैने। कम्प्यूटर खुलता है और यह चालू कर देता है युद्ध। इसके पॉप अप मैसेजेज देख लगता है पूरी दुनियां जान की दुश्मन है मेरे कम्प्यूटर की। हर पांच सात मिनट में एक सन्देश दायें-नीचे कोने में प्लुक्क से उभरता है: गांधीवादी एकContinue reading “सतत युद्धक (Continuous Fighter)”
