जैसे गड़रिये, गाड्डुलिये लोहार, बतख का रेवड़ ले कर चलने वाले हैं। वैसे ही ये मधुमक्खी का रेवड़ ले कर घूमते फिरते हैं। हजारों हैं इस रोजगार में।
Monthly Archives: Feb 2019
श्रीराम बिंद की मटर
हमने उन्हें चाय पिलाई। साथ में दो बिस्कुट। वह व्यक्ति जो हमारे लिये सवेरे सवेरे मटर ले कर आ रहा है, उसको चाय पिलाना तो बनता ही है।
ठेले पर मेरठ की नानखटाई
इस ठेले का किट मैने अपने कस्बे महराजगंज में देखा और बनारस में भी।
