एक सामान्य से आदमी ने मुझे बड़े जबरदस्त तरीके से स्नब किया!
कभी कभी ही तुम्हें नहले पर दहला मिलता है। नौकरी-अफसरी के दौरान नहीं मिला; यहाँ गांवदेहात में मिला; जीडी! :-)
भारतीय रेल का पूर्व विभागाध्यक्ष, अब साइकिल से चलता गाँव का निवासी। गंगा किनारे रहते हुए जीवन को नये नज़रिये से देखता हूँ। सत्तर की उम्र में भी सीखने और साझा करने की यात्रा जारी है।
एक सामान्य से आदमी ने मुझे बड़े जबरदस्त तरीके से स्नब किया!
कभी कभी ही तुम्हें नहले पर दहला मिलता है। नौकरी-अफसरी के दौरान नहीं मिला; यहाँ गांवदेहात में मिला; जीडी! :-)