आसन्न मानसून की मानसिक हलचल


मैं तो वेदर चैनल और तापक्रम के चक्कर में पड़ा हूंं, पर किसान अपने काम पर लग गया है। उसको कोई पगार या पेंशन तो मिलती नहीं। उसे तो खरीफ की फसल की तैयारी करनी ही है।

आसपास के चरित्र


यह बंदा तो फकीर लग रहा था। बूढ़ा। दाढ़ी-मूछ और भौहें भी सफेद। तहमद पहने और सिर पर जालीदार टोपी वाला।
उसके हाथ में एक अजीब सी मुड़ी बांस की लाठी थी। कांधे पर भिक्षा रखने के लिये झोला।

इल्यूसिव, गॉड पार्टीकल, पीटर हिग्स और लैण्डलाइन फोन


खब्ती वैज्ञानिक! मुझे अगर नोबेल मिला होता तो बावजूद इसके कि मैं भी अपने को इण्ट्रोवर्ट कहलाये जाने को पसंद करता हूं; अपने लिये एक सूट सिलवाता और टाई जो मैंने पचास साल से नहीं पहनी; भी पहन कर पुरस्कार लेने जाता!

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