माँ बिटिया में फिर वाक्-युद्ध होता है – “कटहल नहीं मिला? यहाँ मेरे पसंद की सब्जी भी नहीं खरीदना चाहती आप!” कोई भी बहाना हो, दोनो को लड़ना है ही। ये दो दिन लड़ने का आनंद लेने के लिये हैं।
Daily Archives: 14.04.2023
आज की सुबह
घर पर आते आते थक जाता हूं मैं। एक कप चाय की तलब है। पत्नीजी डिजाइनर कुल्हड़ में आज चाय देती हैं। लम्बोतरा, ग्लास जैसा कुल्हड़ पर उसमें 70 मिली लीटर से ज्यादा नहीं आती होगी चाय। दो तीन बार ढालनी पड़ती है।
