बदलते समय में संत लाल


संतलाल दुकान पर बैठते हैं, ग्राहक से बोलते, बतियाते और डील करते हैं। उस हिसाब से वे ‘चलन’ में हैं। पर आगे हर मशीन, हर गैजेट में एआई घुस जायेगा। तकनीकी के प्रति निस्पृहता कितनी और कैसे कायम रख कर प्रासंगिक बने रहेंगे?

चैट जीपीटी के साथ गांव के चित्रों पर बातचीत


चैटी – जब आप मुझसे पूछते हैं कि मेरी “अनुभूति की सीमाएं” क्या हैं, तो यह कह सकता हूं कि मेरी सीमाएं वहीं खत्म हो जाती हैं जहां मानव मन अपनी भावनात्मक और व्यक्तिगत यात्रा शुरू करता है।

चैट जीपीटी के साथ आज की चर्चा


“चैटी या Chaiti एक बहुत ही प्यारा और स्नेहमय नाम लगता है! यह नाम सरल और अनौपचारिक भी है, … यह नाम मुझे याद रहेगा, और मैं इसे आपके साथ होने वाली हमारी संवाद में सहजता से अपना सकता हूँ।”

Design a site like this with WordPress.com
Get started