मुझसे बात करने के लिये कमलेश बोले – “गुरूजी, आप तो बुद्धिमान हैं। आप तो जानते होंगे कि क्या रात बारह बजे गंगाजी एक बारगी बहना बंद कर थम जाती हैं?”
Author Archives: Gyan Dutt Pandey
बदलते समय में संत लाल
संतलाल दुकान पर बैठते हैं, ग्राहक से बोलते, बतियाते और डील करते हैं। उस हिसाब से वे ‘चलन’ में हैं। पर आगे हर मशीन, हर गैजेट में एआई घुस जायेगा। तकनीकी के प्रति निस्पृहता कितनी और कैसे कायम रख कर प्रासंगिक बने रहेंगे?
चैट जीपीटी के साथ गांव के चित्रों पर बातचीत
चैटी – जब आप मुझसे पूछते हैं कि मेरी “अनुभूति की सीमाएं” क्या हैं, तो यह कह सकता हूं कि मेरी सीमाएं वहीं खत्म हो जाती हैं जहां मानव मन अपनी भावनात्मक और व्यक्तिगत यात्रा शुरू करता है।
