छोटी सी मुलकात के बाद मुझे दो चीजें समझ आईं। उसे एक जोड़ी चप्पल चाहिये। केवल उसकी चप्पल, साझे की नहीं। वह शायद मिलना आसान है। कठिन चीज है कि उसे जिंदगी में कुछ बनने के सपने चाहियें। पर सपने बोना शायद उतना आसान नहीं है।
Author Archives: Gyan Dutt Pandey
हजामत
“लोग हजामत बनाने में आलसी हैं। दाढ़ी बढ़ती रहती है। पंद्रह बीस दिन तक बढ़ती है। खुद बनाने की बजाय नाई की तलाश करते रहते हैं। नाई, खुद, सही स्थान और सही समय का योग कम ही बैठता है। इस लिये पखवाड़ा गुजर जाता है हजामत करवाये।”
श्यामधर का मचान
श्यामधर हानि लाभ की गणना की माथापच्ची नहीं करते और शुरू कर देते हैं। मेरी तरह का आदमी उनके मचान का फोटो खींचने खिंचा चला आता है। उससे उलट मेरे जैसा आदमी हानि लाभ की कैल्युलेशन में पड़ा रहता है और कभी शुरू नहीं करता! श्यामधर और मैं दोनो दो अलग अलग छोर के जीव हैं!
