टिप्पणियों में क्या नहीं जमता मुझे


टिप्पणियां किसे प्रिय नहीं हैं? पर कुछ टिप्पणियां नहीं जमतीं। जैसे – अपने आप को घणा बुद्धिमान और पोस्ट लिखने वाले को चुगद समझने वाली टिप्पणी। आप असहमति व्यक्त कर सकते हैं। कई मामलों में होनी भी चाहिये। पर दूसरे को मूर्ख समझना या उसकी खिल्ली उड़ाना और अपने को महापण्डित लगाना आपको ट्रैफिक नहींContinue reading “टिप्पणियों में क्या नहीं जमता मुझे”

सुलेम सराय का इक्का, बैलगाड़ी और डीजल-पेट्रोल के दाम


इक्का १ इक्का २ टेम्पो पर पीछे लटकता कण्डक्टर || चलते वाहन में से मोबाइल द्वारा ली गयी तस्वीरें || इस मध्यम आकार के शहर इलाहाबाद में कम्यूटर (शहर में आने जाने वाले) के लिये मुख्य साधन है विक्रम टेम्पो। हड़हड़-खड़खड़ करते टेम्पो, जिनके पीछे लिखा रहता है – “स्क्रबर@ युक्त ~ प्रदूषण मुक्त”। परContinue reading “सुलेम सराय का इक्का, बैलगाड़ी और डीजल-पेट्रोल के दाम”

भोर का सपना


स्वप्न कभी कभी एक नये वैचारिक विमा (डायमेंशन) के दर्शन करा देते हैं हमें। और भोर के सपने महत्वपूर्ण इस लिये होते हैं कि उनका प्रभाव जागने पर भी बना रहता है। उनपर जाग्रत अवस्था में सोचना कभी कभी हमें एक नया मकसद प्रदान करता है। शायद इसी लिये कहते हैं कि भोर का सपनाContinue reading “भोर का सपना”

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