ऊंट अड़ियल जीव है. आसानी से उसपर बोझा नहीं लादा जा सकता. बोझा लादने की ट्रेनिंग दी जाती है. बैठी अवस्था में उसपर बोरियां लाद दी जाती हैं और फिर उससे खड़ा होने को उत्प्रेरित किया जाता है. वह, अड़ियल सा बैठा रहता है. फिर उसके सामने से दो बोरियां गिरायी जाती हैं और उसेContinue reading “ऊंट पर बोझ लादने की तकनीक”
Author Archives: Gyan Dutt Pandey
“काशी का अस्सी” के रास्ते हिंदी सीखें
कशीनाथ सिंह जी की “काशी का अस्सी” पढ़ने के बाद जो एक खुन्दक मन में निरंतर बनी है वह है – मेरे पुरखों और मां-पिताजी ने भाषा तथा व्यवहार की इतनी वर्जनायें क्यों भर दीं मेरे व्यक्तित्व में. गालियों का प्रयोग करने को सदा असभ्यता का प्रतीक बताया गया हमारे सीखने की उम्र में. भाषाContinue reading ““काशी का अस्सी” के रास्ते हिंदी सीखें”
दशा शौचनीय है (कुछ) हिन्दी के चिठ्ठों की?
अज़दक जी आजकल बुरी और अच्छी हिन्दी पर लिख रहे हैं. उनके पोस्ट पर अनामदास जी ने एक बहूत (स्पेलिंग की गलती निकालने का कष्ट न करें, यह बहुत को सुपर-सुपरलेटिव दर्जा देने को लिखा है) मस्त टिप्पणी की है: “…सारी समस्या यही है कि स्थिति शोचनीय है लेकिन कुछ शौचनीय भी लिख रहे हैं,Continue reading “दशा शौचनीय है (कुछ) हिन्दी के चिठ्ठों की?”
