नवगछिया के आगे मिले गरुड़ जी


सन 2005 में जंगलराज खत्म होने के बाद थोड़ा माहौल बदला। तब जा कर इस पक्षी की मौजूदगी की भनक लगी ! 2006 में मन्दार नेचर क्लब ने इस पर रिपोर्ट भेजी। लोगो को जागरूक और भावुक करने के लिए इसे गरुड़ महाराज का नाम दिया।

रीपोस्ट – कोंहड़ौरी (वड़ी) बनाने का अनुष्ठान – एक उत्सव


सबसे पहले सात सुन्दर वड़ियां खोंटी जाती थीं। यह काम घर की बड़ी स्त्री करती थी। उन सात वड़ियों को सिन्दूर से सजाया जाता था।
अर्थ यह था कि जितनी सुन्दर कोंहड़ौरी है, वैसी ही सुन्दर सुशील बहू घर में आये।

गाई क ल, भैंसिया से बुद्धी मोटि होई जाये!


देश की डेयरियां और लोग भैंस के दूध की बदौलत चल रहे हैं। अमूल – जो विश्व के बीस सबसे बड़ी डेयरियों में है; भैंस के दूध के बल पर है। अगर भैंस का दूध बुद्धि कुंद करता है तो अमूल को ब्लैकलिस्ट कर देना चाहिये।

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