पेवमेण्ट पर दुकान लगाये मकोय बेचता बूढ़ा वह लगभग बूढ़ा आदमी सड़क के किनारे बैठा था। उसके पास एक झौआ (अरहर की डण्डी/रंहठा से बना पात्र), एक झोला, तराजू और सामने रखा सामान था। मैने पूछा – “यह क्या है?” उसे अन्दाज नहीं था कि मैं इतना मूर्ख हो सकता हूं कि वे वस्तुयें नContinue reading “मकोय”
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सवेरे की हाइपर एक्टिविटी
जिनका सोचना है कि नौकरशाही केवल ऐश करने, हुक्म देने और मलाई चाभने के लिये है; उन्हें हमारे जैसे का एक सामान्य दिन देखना चाहिये। सवेरे की व्यस्तता बहुत थकाऊ चीज है। वे लोग जो सवेरे तैयार हो कर भागमभाग कर जल्दी काम पर पंहुचते होंगे और फिर काम उन्हें एंगल्फ (engulf – निगल, समाहित)Continue reading “सवेरे की हाइपर एक्टिविटी”
टाटा आइस्क्रीम
Tata Icecream करीब दो-ढ़ाई दशक पहले अहमदाबाद में रेलवे में किसी की एक शिकायत थी। उसके विषय में तहकीकात करने के लिये मैं अहमदाबाद की आइसक्रीम फेक्टरियों की कार्यप्रणाली का अध्ययन करने के लिये गया था। दो कम्पनियां देखी थीं मैने। एक कोई घरेलू उद्योग छाप कम्पनी थी। उसका नाम अब मुझे याद नहीं। दूसरीContinue reading “टाटा आइस्क्रीम”
