कुतिया के पिल्ले बड़े हो रहे हैं। सफेद-भूरा वाला पिल्ला सबसे चघड़ है। अपनी कोठरी से बाहर निकल निकल कर एक्प्लोर करता है। दो काले वाले भी आस-पास घूमते हैं। एक काला (छोटे सफेद धब्बे के साथ) सबसे दुबला है और ज्यादा सोता है। वही सबसे ज्यादा कूं कूं करता है। चार पिल्ले औरContinue reading “बड़े हो रहे हैं पिल्ले”
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शिखर का एकान्त
मैं अकेले कमरे में बैठा हूं। इण्टरकॉम पर बीच बीच में ट्रेन कण्ट्रोलर खबर देता है कि गाड़ियां ठीक नहीं चल रहीं। कोहरे का असर है। एक ट्रेन दुर्घटना अभी ताजा ताजा निपटी है। स्टाफ परिचालन की उत्कृष्टता से सुरक्षा की तरफ स्विंग कर गया है। छाछ को भी फूंक कर पीने जैसा कुछ करनेContinue reading “शिखर का एकान्त”
प्रिय भैया खरी खरी जी,
प्रिय भैया खरी खरी जी, आशा है आप कुशल से होंगे। मैने अपनी पिछली पोस्ट पर आपकी टिप्पणी देखी थी: पते की बात लिखी है आपने रीता दीदी पर क्या आपने घायलो के लिये कुछ किया क्या? या ज्ञान जीजाजी ने????? या कुछ करेंगे क्या?????? आपका प्रश्न बड़ा स्वाभाविक है। कई लोग निस्वार्थ हो करContinue reading “प्रिय भैया खरी खरी जी,”
