गाई क ल, भैंसिया से बुद्धी मोटि होई जाये!


देश की डेयरियां और लोग भैंस के दूध की बदौलत चल रहे हैं। अमूल – जो विश्व के बीस सबसे बड़ी डेयरियों में है; भैंस के दूध के बल पर है। अगर भैंस का दूध बुद्धि कुंद करता है तो अमूल को ब्लैकलिस्ट कर देना चाहिये।

गांव में छ दशकों में अखबार


चौबे जी, शायद पास के गांव चौबेपुर के निवासी थे। बनारस से माधोसिंह के बीच अखबार पंहुचाया करते थे। सफेद धोती-कुरता-जाकिट और टोपी पहने कांग्रेसी थे वे। अस्सी के आसपास उनकी मृत्यु हुई।

गुलाब नाऊ


जातियां, काम धंधे, गांव की हाईरार्की – इन सब से मेरा पाला रोज रोज पड़ता है। कभी लगता है कि समाजशास्त्र का विधिवत अध्ययन कर लूं। एक दो साल उन्हीं पर पुस्तकें पढूं। शायद मेरी समझ और नजरिया सुधरे।

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