थ्रेशिंग गतिविधियां देखना हमारे लिये कौतूहल शांत करने भर के लिये था। कृषक कार्य का समापन थ्रेशिंग से ही होता है। अनाज के दानों का जब ढेर लगता है तो जो तृप्ति कृषक को होती है वह अनुभव करने या देखने की ही चीज है।
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शीला मास्टरानी
गांवदेहात में दो-चार प्रतिशत लोग रमापति-शीला जैसे हों तो रोजगार की समस्या का निदान हो जाये।…शीला मास्टरानी की बातचीत में अदब, सजगता और आत्मविश्वास सब है। वह गांवदेहात में कम ही नजर आता है।
बहनोई, खबर सगरों दौड़ाइ दिहे!
ढूंढ़ी खांटी समाजवादी हैं। पर अब मध्यप्रदेश में भाजपा ने ने एक यादव को मुख्यमंत्री बना कर सेंधमारी की है; उससे उनका मन कुछ भाजपाई हुआ हो शायद। छोटी से मुलाकात में वह पूछ नहीं पाया। फिर कभी पूछूंगा!
