सवेरे घूमते समय दो कुत्ते आपस में चुहल करते दीख गये। एक पामेरियन था। किसी का पालतू। घर से छूट कर बहक आया हुआ। दूसरा सड़क पर पला। दोनो एक दूसरे से ऊर्जा पा रहे थे। सवेरे की सैर आनन्ददायक हो गयी। दुकाने खुलने पर अखबार वाले से बिजनेस स्टेण्डर्ड लेने गया। अखबार ले करContinue reading “पशुओं के सानिध्य में”
Category Archives: विविध
दन्तनिपोर
बहुत दिनों के बाद कल सवेरे वह चाय की दुकान पर चाय छानने का इन्तजार करते दिख गया। मैं सोचता था कि वह शिव कुटी से फेड आउट हो चुका है। पर अपने को गलत पा कर मुझे प्रसन्नता हुयी। वह मैले कुचैले कपड़े पहने था। पैण्ट और कमीज। ऊपर से आधा स्वेटर। सर्दी निश्चयContinue reading “दन्तनिपोर”
अपने अपने इन्द्रप्रस्थ
जिप्सियाना स्वभाव को ले कर जब मैने पोस्ट लिखी तो बरबस पॉउलो कोएल्हो की पुस्तक द अलकेमिस्ट की याद हो आयी। (अगर आपने पुस्तक न पढ़ी हो तो लिंक से अंग्रेजी में पुस्तक सार पढ़ें।) उसका भी नायक गड़रिया है। घुमन्तु। अपने स्वप्न को खोजता हुआ मिश्र के पिरामिड तक की यात्रा करता है। वहContinue reading “अपने अपने इन्द्रप्रस्थ”
