डा. सुरेन्द्र सोनी की भेजी गयी रमण महर्षि पर पुस्तकें जैसी वासना, वैसा संग्रह। फाउण्टेन पेन की सदैव ललक है मुझे। दर्जनों इकठ्ठा हो जाते हैं। कल ही मेरी पत्नी स्टेशनरी की दुकान से मुझे घसीटती रहीं। पर तब भी एक तीस रुपये की फाउण्टेन पेन खरीदने में मैं कामयाब रहा। और तब वैसी खुशीContinue reading “पुस्तकों की बौछार – धड़ाधड़”
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गंगा किनारे एक शाम
सूर्यास्त के समय गंगा का दांया तट, इलाहाबाद मां गंगा मेरे घर से ५००-७०० कदम पर हैं। आज गंगा किनारे गया शाम को। गंगा में पानी बहुत बढ़ा नहीं है, पर शुरुआत की बारिश से बहाव तेज हो गया है। कोटेश्वर महादेव (वह स्थान जहां राम जी ने वन जाते समय गंगा पार कर शिवContinue reading “गंगा किनारे एक शाम”
बेन्चमार्क अलग-अलग हैं हिन्दी और अंग्रेजी की पुस्तकें खरीदने के?
कल प्रोफेसर गोविन्द चंद्र पाण्डे के “ऋग्वेद” की रुपये आठ सौ की कीमत पर कुछ प्रतिक्रियायें थीं कि यह कीमत ज्यादा है, कुछ अन्य इस कीमत को खर्च करने योग्य मान रहे थे। असल में खुराफात हमने पोस्ट में ही की थी कि “आठ सौ रुपये इस पुस्तक के लिये निकालते एक बार खीस निकलेगीContinue reading “बेन्चमार्क अलग-अलग हैं हिन्दी और अंग्रेजी की पुस्तकें खरीदने के?”
