मैम भक्त मेमने और मैं


प्रवीण पाण्डेय को अपने बैंगळुरु स्थानान्तरण पर कुछ नये कार्य संभालने पड़े। बच्चों को पढ़ाना एक कार्य था। देखें, उन्होने कैसे किया। यह उनकी अतिथि पोस्ट है।  मुझे अपना भी याद है – जब अपने बच्चे को मैने विज्ञान पढ़ाया तो बच्चे का कमेण्ट था – यह समझ में तो बेहतर आया; पर इसे ऐसेContinue reading “मैम भक्त मेमने और मैं”

“थ्री इडियट्स” या “वी इडियट्स”


कल यह फिल्म देखी और ज्ञान चक्षु एक बार पुनः खुले। यह बात अलग है कि उत्साह अधिक दिनों तक टिक नहीं पाता है और संभावनायें दैनिक दुविधाओं के पीछे पीछे मुँह छिपाये फिरती हैं। पर यही क्या कम है कि ज्ञान चक्षु अभी भी खुलने को तैयार रहते हैं। पर मेरा मन इस बातContinue reading ““थ्री इडियट्स” या “वी इडियट्स””

एक साहबी आत्मा (?) के प्रलाप


मानसिक हलचल एक ब्राउन साहबी आत्मा का प्रलाप है। जिसे आधारभूत वास्तविकतायें ज्ञात नहीं। जिसकी इच्छायें बटन दबाते पूर्ण होती हैं। जिसे अगले दिन, महीने, साल, दशक या शेष जीवन की फिक्र करने की जरूरत नहीं। इस आकलन पर मैं आहत होता हूं। क्या ऐसा है? नोट – यह पोस्ट मेरी पिछली पोस्ट के संदर्भContinue reading “एक साहबी आत्मा (?) के प्रलाप”

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