ऊँट से गोबर की खाद की ढुलाई


गंगाजी के कछार में ढुलाई का सुगम तरीका है ऊंट। रेती में आसानी से चल लेता है। गंगाजी में पानी कम हो तो उसकी पतली-लम्बी टांगें उसे नदी के आरपार भी ले जाती हैं। उसका उपयोग सब तरह की ढुलाई में देखा है मैने। वर्षा का मौसम खत्म होने पर चिल्ला गांव वाले कछार कीContinue reading “ऊँट से गोबर की खाद की ढुलाई”

जवाहिरलाल का बोण्ड्री का ठेका


जवाहिरलाल कई दिन से शिवकुटी घाट पर नहीं था। पण्डाजी ने बताया कि झूंसी में बोण्ड्री (बाउण्ड्री) बनाने का ठेका ले लिया था उसने। उसका काम खतम कर दो-तीन दिन हुये वापस लौटे। आज (फरवरी 14’2012) को जवाहिरलाल अलाव जलाये बैठा था। साथ में एक और जीव। उसी ने बताया कि “कालियु जलाये रहे, परऊंContinue reading “जवाहिरलाल का बोण्ड्री का ठेका”

संगम, जल कौव्वे और प्रदीप कुमार निषाद की नाव


संगम क्षेत्र में जमुना गंगाजी से मिल रही थीं। इस पार हम इलाहाबाद किले के समीप थे। सामने था नैनी/अरईल का इलाका। दाईं तरफ नैनी का पुल। बस दो चार सौ कदम पर मिलन स्थल था जहां लोग स्नान कर रहे थे। सिंचाई विभाग वालों का वीआईपी घाट था वह। मेरा सिंचाई विभाग से कोईContinue reading “संगम, जल कौव्वे और प्रदीप कुमार निषाद की नाव”

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