डोमिनगढ़


किसी स्थान के बारे में मैं अगर सोचूं कि अनूठे कोण से लिख सकता हूं, तो वह गंगा के कछार के अलावा सम्भव नहीं। वहां मेरे साथ कोई सरकारी अमला नहीं होता था। ज्यादातर मैं कुरता पायजामा में होता था। या फ़िर जींस का पैण्ट। वहां के केवट, सब्जी उगाने वाले, मछेरे, ऊंट वाले याContinue reading “डोमिनगढ़”

सिनेमा संगीत का विस्तृत शास्त्रीय अध्ययन – श्री कन्हैयालाल पाण्डेय


श्री कन्हैयालाल पाण्डेय। वे कुछ समय पहले तक रेलवे मेँ अतिरिक्त सदस्य (वाणिज्य) थे। अब रेलवे से सेवा निवृति ले कर यहां गोरखपुर में रेल दावा ट्रिब्यूनल में सदस्य (तकनीकी) बने हैं। कल वे मेरे चेम्बर में पधारे। उनकी ख्याति जितनी रेलवे में है, उससे कहीं ज्यादा फिल्म संगीत के अध्ययन के क्षेत्र में है।Continue reading “सिनेमा संगीत का विस्तृत शास्त्रीय अध्ययन – श्री कन्हैयालाल पाण्डेय”

कृष्ण कुमार अटल


उनतीस अगस्त। शाम चार बजे। श्री कृष्ण कुमार अटल, महाप्रबन्धक, पूर्वोत्तर रेलवे की रिटायरमेण्ट के पहले अपने विभागाध्यक्षों के साथ अंतिम बैठक। एक प्रकार से वाइण्डिंग-अप। मैं उस बैठक में विभागाध्यक्ष होने के नाते उपस्थित था। चूंकि उस बैठक में हमें श्री अटल से जाते जाते उनकी 37 वर्ष की रेल सेवा पर उनके विचारContinue reading “कृष्ण कुमार अटल”

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