मानलेट


 मानलेट – इरादतगंज, इलाहाबाद के समीप मुम्बई जाते हुये पश्चिमी घाट पर दमदार बारिश देखी थी। इगतपुरी-कसारा के आसपास तो मन मयूर था वर्षा देख कर। वही हाल वापसी में जळगांव-भुसावल-हरदा-इटारसी-नरसिंहपुर-जबलपुर के इलाके में फसल की लहलहाती अवस्था देख हो रहा है। अर्थात जो मायूसी है, वह गांगेय क्षेत्र में है। मेरे यूपोरियन इलाके मेंContinue reading “मानलेट”

एक वृद्ध का ब्लॉग?


सुन्दरलाल बहुगुणा कहते हैं कि उनकी जिन्दगी के दौरान ही गंगा में पानी आधा हो गया। अखबार में उनकी फोटो में सन जैसे सफेद दाढ़ी मूछों वाला आदमी है। मैं बहुगुणा को चीन्हता हूं। पर वे अब बहुत बूढ़े लगते हैं चित्र में। वे चिपको अन्दोलन के चक्कर में अखबार में आते थे। और मैंContinue reading “एक वृद्ध का ब्लॉग?”

मछेरों का प्रभात


सवेरे छ बजे का समय। घाट पर एक नाव दिख रही थी। मैने पैर थोड़ी तेजी से बढ़ाये। वे छ मछेरे थे। अपने जाल सुलझा रहे थे। काम प्रारम्भ करने के उपक्रम में थे। उनकी नाव किनारे पर एक खूंटे से बंधी थी। किनारे पर जल का बहाव मंथर होता है। अत: स्थिर लग रहीContinue reading “मछेरों का प्रभात”

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