धीरे धीरे चल रही थी उनकी कार। रास्ते में आश्रम वासी हाथ जोड़ खड़े हो जाते थे और वाहन सामने से गुजरते समय दण्डवत प्रणाम करते थे।
मैं, ज्ञानदत्त पाण्डेय, गाँव विक्रमपुर, जिला भदोही, उत्तरप्रदेश (भारत) में ग्रामीण जीवन जी रहा हूँ। मुख्य परिचालन प्रबंधक पद से रिटायर रेलवे अफसर। वैसे; ट्रेन के सैलून को छोड़ने के बाद गांव की पगडंडी पर साइकिल से चलने में कठिनाई नहीं हुई। 😊
धीरे धीरे चल रही थी उनकी कार। रास्ते में आश्रम वासी हाथ जोड़ खड़े हो जाते थे और वाहन सामने से गुजरते समय दण्डवत प्रणाम करते थे।