अगियाबीर की आर्कियॉलॉजिकल साइट के बबूल की छाँव


“हम लोगों के यहां आने के बाद ही एक चिड़िया दम्पति ने इस बबूल के पेड़ पर अपना घोंसला भी बनाया है। अंडे भी दिये हैं घोंसले में। उनके चूजे निकलने का समय भी आ गया है।”

गिरीश चंद्र त्रिपाठी जी और वामपंथ से टकराव


त्रिपाठी जी ने वामपंथ से टकराव के अनेक मामले और अनेक लोगों से मिलने के प्रसंग मुझे बताये। उनसे मिलने पर लगा कि ये वामपंथी लिबरल-वाम एजेण्डा को बड़े शातिराना ढंग से शिक्षण संस्थानों और समाज में घोलने का काम करते हैं।

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