धर्मेंद्र सिंह की दण्डवत यात्रा


आगे एक दूसरा नौजवान सड़क पर लम्बा लेट कर दूरी नाप रहा था। उसके हाथ में एक पत्थर की गुट्टक थी। जिसे वह अपने हाथ आगे फैला कर सबसे अधिक दूरी पर रखता था और फिर उठ कर गुट्टक वाली जगह अपना पैर रख पुन: दण्डवत लेटता था।

पैदल जाते भरत पटेल


अस्सी पार का व्यक्ति, बारह किलोमीटर सामान्य चाल चलने का स्टेमिना और उम्रदराज होने पर भी अपने नाते रिश्तों से मेल मिलाप हेतु यात्रा करने का ज़ज्बा – अपने ननिहाल तक से रिश्ता जीवंत रखना – यह सामान्य बात नहीं है।