सुग्गी के मास्क #ग्रामचरित


मेहनती है सुग्गी। घर का काम करती है। खेती किसानी भी ज्यादातर वही देखती है। क्या बोना है, क्या खाद देना है, कटाई के लिये किस किस से सहायता लेनी है, खलिहान में कैसे कैसे काम सफराना है और आधा आधा कैसे बांटना है – यह सब सुग्गी तय करती है।

लॉकडाउन : रीता पाण्डेय के मानसिक थकान मिटाने के उपाय – भाग 2


गांव का यह घर एक कैनवास है – एक विस्तृत कैनवास। जिस पर अपने मन माफिक आड़ी तिरछी लाइनें उकेर कर कैरीकेचर बनाया जा सकता है। पत्नीजी ने यह बहुत गहरे से समझ लिया है।

लॉकडाउन में गुन्नीलाल – गांव के सखा


कल सवेरे साइकिल से उनकी ओर गया। गुन्नीलाल जी हमेशा बाहें फैला कर गले मिलते थे – यही हमारा नॉर्मल मोड ऑफ अभिवादन था। पर कल कोरोनावायरस काल में उन्होने दूर से नमस्कार कर स्वागत किया। घर के बाहर नीम के पेड़ के नीचे हम बैठे भी सोशल डिस्टेंसिंग के नॉर्म का विधिवत पालन करते हुये।

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