रामदेव गड़रिया


पचास के आसपास भेड़ें हैं रामदेव के पास। उन्ही को देखना, गिनना, पालना और ध्यान रखना उसका कर्म है। वही ध्यान है, वही योग है।

सूर्यमणि तिवारी, हर्ष मिश्र और नचिकेता


हर्ष को देख कर मुझे लगा कि कठोप्निषद मात्र काव्य कल्पना नहीं। ऐसा पात्र, ऐसा नायक, हो सकता है।

गंगा तट की सुनहरी शाम और सुरती शेयर का समाजवाद – कोविड19


सुरती, दारू की तरह बहुत सामाजिक टाइप की चीज है। अजनबी व्यक्ति भी सुरती फटकने वाले के पास खिंचा चला आता है। वह निसंकोच सुरती मांग लेता है और देने वाला सहर्ष देता भी है।

दोपहर में द्वरिकापुर में गंगा किनारे


सवेरे निकलता हूं घूमने। गंगा तट पर जाना होता है तो उसी समय। अब सर्दी बढ़ गयी थी। सवेरे की बजाय सोचा दिन निकलने पर निकला जाये। बटोही (साइकिल) ने भी हामी भरी। राजन भाई भी साथ निकले पर वे अगियाबीर के टीले पर निकल गये; वहां प्राचीन सभ्यता के गहने-सेमीप्रेशस स्टोन्स के अनगढ़ टुकड़ोंContinue reading “दोपहर में द्वरिकापुर में गंगा किनारे”