लॉकडाउन मौके पर ये सभी सीरियल (रामायण, महाभारत, चाणक्य) टेलीवीजन पर प्रस्तुत करने से आगामी पीढ़ी को एक मौका मिला है कि वे अपनी सभ्यता, संस्कृति और इतिहास के गौरव को समझ सकें।
भारतीय रेल का पूर्व विभागाध्यक्ष, अब साइकिल से चलता गाँव का निवासी। गंगा किनारे रहते हुए जीवन को नये नज़रिये से देखता हूँ। सत्तर की उम्र में भी सीखने और साझा करने की यात्रा जारी है।
लॉकडाउन मौके पर ये सभी सीरियल (रामायण, महाभारत, चाणक्य) टेलीवीजन पर प्रस्तुत करने से आगामी पीढ़ी को एक मौका मिला है कि वे अपनी सभ्यता, संस्कृति और इतिहास के गौरव को समझ सकें।