कोई व्यक्ति, 10-15 हजार किलोमीटर की भारत यात्रा, वह भी नंगे पैर और तीन सेट धोती कुरता में करने की ठान ले और पत्नी/परिवार की सॉलिड बैकिंग की फिक्र न करे – यह मेरी कल्पना से परे है। मैं तो छोटी यात्रा भी अपनी पत्नीजी के बिना करने में झिझकता हूं।
भारतीय रेल का पूर्व विभागाध्यक्ष, अब साइकिल से चलता गाँव का निवासी। गंगा किनारे रहते हुए जीवन को नये नज़रिये से देखता हूँ। सत्तर की उम्र में भी सीखने और साझा करने की यात्रा जारी है।
कोई व्यक्ति, 10-15 हजार किलोमीटर की भारत यात्रा, वह भी नंगे पैर और तीन सेट धोती कुरता में करने की ठान ले और पत्नी/परिवार की सॉलिड बैकिंग की फिक्र न करे – यह मेरी कल्पना से परे है। मैं तो छोटी यात्रा भी अपनी पत्नीजी के बिना करने में झिझकता हूं।