समय सबसे बड़ी दवा है. साथ के चित्र में जो बुजुर्ग दिख रहे हैं वे पिछ्ली मई में हैजे से मरणासन्न थे. अस्पताल में इलाज हुआ तो पता चला कि समय पर चिकित्सा न होने से किडनियों ने काम करना बंद कर दिया है. इन्टेंसिव केयर में हफ़्ते भर और तीन महीने गहन चिकित्सा से किडनियां सामान्य हो पाईं.
हताशा के पांच महीने बाद
अवसाद, हताशा और खुश जिन्दगी में कितने महीनों का अंतर होता है?